बिहार में जमीन सर्वे को लेकर नीतीश सरकार एक बड़ा निर्णय लेने जा रही है. खबर है कि अभी लैंड सर्वे टल गया है. दरअसल, पूर्णिया में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि अभी तीन महीना लोगों को कागज ढूंढने और कागज तैयार करने का वक्त देंगे. इसके बाद सर्वे कराएंगे.
जायसवाल ने बताया, "इस तीन महीने में हम सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे. उनके साथ बैठ कर बातों को समझेंगे. रैयत यानी जो जमीन के मालिक उनके साथ भी बैठेंगे."
मंत्री ने कहा कि हमने अपने विभाग के सभी सीओ को पटना बुलाया था. सबको हिदायत दी कि अपनी आदत में सुधार लाएं नहीं तो दिलीप जायसवाल किसी को छोड़ने वाला नहीं है.
बता दें कि इससे पहले बीते शुक्रवार को दिलीप जायसवाल सहरसा पहुंचे थे. इस दौरान भी उन्होंने इस सम्बन्ध में चर्चा की थी. पीएम विश्वकर्मा योजना के एक साल पूरा होने पर यहां के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रथम वर्षगांठ में शिरकत करने के दौरान उन्होंने जमीन सर्वे को लेकर पत्रकारों से कई सारी जानकारी को साझा किया था. उन्होंने कहा कि 1890 में अंग्रेजों के समय में सर्वे की शुरुआत हुई थी. लगभग 130 साल के बाद रिवीजनल सर्वे बीच में हुआ, लेकिन अब सरकार ने विशेष सर्वेक्षण का अभियान सरकार ने शुरू किया है.
जायसवाल ने आगे कहा कि अब जब सर्वे की शुरुआत हुई है तो 62 फीसदी लोगों के पास कागजात हैं, 38 फीसदी लोगों को वंशावली की आवश्यकता है, खतियान की जरूरत है और आपस में बंटवारे की आवश्यकता है. उन लोगों को थोड़ा सा कागजात ढूंढने में, कागजात निकालने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि सर्वे हो जाने के बाद बिहार के अंदर जमीन का भविष्य तय हो जाएगा.
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