सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करना क्षत्रियों का अपमान : शक्ति सिंह यादव

पटना | राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधान परिषद के सदस्य सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त किया गया। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी का संकेत है। सत्त्त्ता के बल में चूर बिहार के अचेत व थके हुए शासक ने विपक्ष के शब्द को सहन नहीं किया और सदस्यता खत्म करने पर खड़े होकर अड़े रहे। सदन के अन्दर कई कड़वी बातें होती है परन्तु इस तरह का निर्णय लोकतंत्र में तानाशाह ले सकता है, लोकतांत्रिक व्यक्ति नहीं। 

जदयू-भाजपा के कई सदस्य सदन के अन्दर विपक्ष पर अशोभनीय टिप्पणी करते हैं परन्तु वो सत्त्त्त प्रतिष्ठान से जुड़े हुए हैं इसलिए उनके सारे अपराध क्षम्य है। लालू प्रसाद जी पर कई अशोभनीय टिप्पणी सत्त्त्ता प्रतिष्ठान के सदस्यों ने किया क्या उनकी सदस्यता को समाप्त करने हेतु आचार समिति को भेजा गया? स्वयं मुख्यमंत्री ने सदन के अन्दर अशोभनीय बातें कही, क्या वह आचार समिति के दायरे में नहीं आते? 

सुनील सिंह की सदस्यता को समाप्त करना बिहार के सत्त्त्ता नायक के अहंकार व अलोकतांत्रिक आचरण का प्रतीक है। आज का दिन सदन के लिए काला दिन के रूप में सदैव याद किया जाएगा। कोई भी लोकतंत्र में शासक अमृत पीकर के नहीं आता। जनता सबका हिसाब लेती है। 

बिहार विधान सभा में एक दलित पूर्व मुख्यमंत्री व महिलाओं के सन्दर्भ में जितनी हल्की और भद्दी बातें मुख्यमंत्री जी ने की थी शायद ही ससंदीय इतिहास में इस देश के किसी मुख्यमंत्री ने किया होगा। प्रधानमंत्री जी मुख्यमंत्री के उस बयान पर शर्म से माथा नीचे होने की बात कही थी पर आज हर अलोकतांत्रिक कदम को भाजपा भी सही ठहरा रही है। सुनील सिंह क्षत्रीय परिवार के ही एक अंश हैं। जो नाइंसाफी हुआ है उस नाइंसाफी को सुनील सिंह के क्षत्रीय खानदान माफ नहीं करेगी।  

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