पशु तस्कर चाहे जितनी बाधा डालें, गोवंश की रक्षा का संकल्प पूरा करेंगे : अश्विनी

पटना | ध्यान फाउंडेशन की किशनगंज गौशाला पर पिछले कुछ दिनों में अलग अलग तरह से हमले किए गए कर्मचारियों को धमकियाँ दी गई, जान से मार देने तक की बात कही गई, गौशाला में आग लगाई गई, धरने दिये गये... स्वयं को भक्त कहने वाली भीड़ में शामिल थे "जुबैद" मियाँ, भड़काने का काम कर रहे थे त्रिलोक चंद जैन। चौंकाने वाली बात यह है कि सब कुछ एस.डी.एम, एस.डी.पी.ओ, जिला पशुपालन पद अधिकारी, नगर निगम परिषद चेयरमैन इंद्रदेव पासवान आदि अफसरों के सामने हुआ। ध्यान फाउंडेशन ने अपनी समस्याओं का खुलासा ध्यान आश्रम के अश्विनी गुरु जी के समक्ष किया।देश के हर कोने में गौसेवा की ज्योति जलाने वाले, इन सदपुरुष ने ध्यान फाउंडेशन के अनुरोध पर मीडिया को जूम कॉल के माध्यम से संबोधित किया। 

इस संबोधन में कुछ विशेष बातों पर प्रकाश डाला गया,उन्होंने कहा चाहे जितनी बाधा पशु तस्कर इस काम में डालें, पर गोवंश की रक्षा हर हाल में की जायेगी, यह ध्यान फाउंडेशन का संकल्प है। उन्होंने बताया किध्यान फाउंडेशन देश भर में 45 गौशालाओं के माध्यम से 70000 से अधिक बी.एस.एफ व पुलिस द्वारा बचाए गए गौवंश का पालन पोषण कर रही है। इस कार्य के लिए इन्हें देश की विभिन्न सरकारी व प्राइवेट संस्थाओं से पुरस्कार व सम्मान मिले हैं।

गृह मंत्रालय स्वयं इनके कार्य का समर्थन करता है। इनके सेवा कार्य को देखकर विभिन्न धर्मों (सिख, जैन, मुसलमान, और हिंदू) के धर्म गुरुओं ने इनकी सराहना की है और अपना समर्थन दिया है। गुरुजी ने कहा कि इस कार्य का धर्म से कोई संबंध नहीं है पशु तस्कर हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। वैसे ही ध्यान फाउंडेशन में गौसेवा करने वाले हिंदू भी हैं, सिख भी, ईसाई भी, जैन भी और मुसलमान भी। ध्यान फाउंडेशन के मुख्य लॉयर स्वयं सिराज कुरैशी हैं।


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