नालंदा | सामाजिक कार्यकर्ता एवम संस्था जगत के जानेमाने व्यक्तित्व स्व अशोक कुमार सिंह की 19 वी स्मृति दिवस पर नालंदा प्राचीन विश्विद्यालय (खंडहर )के समीप श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए,कटहल का पौधा लगाया गया। बड़गाव के अर्जुन पांडेय उर्फ छोटा द्वारा मंत्रोचार के साथ वन्दना की गई, इस अवसर पर प्रो डॉ जीतेंद्र कुमार सिंह ने स्व अशोक को समाजिक जगत के महान व्यक्तित्व बताते हुए उनके कृतित्व एवम व्यक्तित्व की चर्चा किए, उन्होंने बताया की स्व सिंह के द्वारा स्थापित मगध समाज कल्याण प्रतिष्ठान आज बिहार ही नही देश स्तर पर अपनी पहचान रखती है।
इस अवसर पर रघुनंदन सेवा सदन के सचिव रोहित कुमार ने स्व अशोक के बताए रास्ते पर चलने के लिए आग्रह किए,उन्होंने अपने जीवन काल में विश्व के कई व्यक्तित्व को नालंदा एवम बिहार की धरती पर बुलाकर कई सामाजिक कार्य को करने का दायित्व भी निभाई है जिसमे श्रद्धेय सुब्बाराव, अब्दुल भाई, जय प्रकाश, विनोबा जी सहित कई व्यक्तित्व के साथ काम किया जो आज भी अनुकरणीय है,इस अवसर पर आगंतुको का अभिवादन स्व सिंह के पुत्र कुमुद रंजन सिंह ने किया। मौके पर जैनेंद्र कुमार, अशोक कुमार, सचिन कुमार, मैघन सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
इसी प्रकार स्व अशोक की 19वी स्मृति दिवस पर जयपुर में कार्यक्रम का हुआ आयोजन महान समाजसेवी पर्यावरण के प्रति समर्पित व्यक्तित्व के धनी थे अशोक कुमार सिंह, यह बातें आचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा प्रशिक्षण पुरस्कार प्राप्त अहिंसा प्रशिक्षक सतीश शांडिल्य दादू दयाल नगर जयपुर में बोल रहे थे इनकी स्मृति में सतीश शांडिल्य ने वृक्षारोपण तथा बच्चों के बीच संकल्प शक्ति के साथ योग का प्रयोग कराकर स्वर्गीय अशोक कुमार सिंह को श्रद्धा भाव से समर्पित किया। इन्होंने कहा कि बिहार प्रांत के नालंदा जिला में जन्म लेकर अनेक नौजवानों को संस्था बनाकर रचनात्मक एवं सकारात्मक कार्यों में युवाओं को जोड़े उनके व्यक्तित्व और स्तित्व को जमाना याद रखेगा। इस अवसर पर मोहन शर्मा सेठ जी ने अध्यक्षता किया और इन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को साथ जोड़कर अशोक बाबू ने बहुत बड़ा काम किया अनेक संस्था बनाकर समाज को लाभ पहुंचाया ऐसे महापुरुष को हम नमन करते हैं श्रद्धा सुमन समर्पित करते हैं शांडिल जी बिहार से आकर जयपुर में समाज सेवा के लिए समर्पित अशोक कुमार सिंह जी का स्मृति दिवस मानना इस बात को दर्शाता है की वह एनजीओ के प्रति समर्पित व्यक्ति थे।
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